चढ़ाता हूँ मैं धन्यवाद प्रभू… कृश के उस प्रेम के लीये,
मारा गया और गाडा गया था… जी उठा मेरे लिये ।
काँटोंका ताज पिहना तूने सिरपर, हाथ पाँव ठोंके क्रूसपर तेरे,
हुआ था बिल मेम्ने की नाई, सहा सब मेरे लिये ।…….. 2.
दुःख सहा तूने कि शांति मैं पाउँ, क्रूसपर चढिाक पाउँ मुकुट
मरण को सहा मैं जीवन पाउँ…. कैसा प्रेम मेरे लिये ।…2.
देखता हूँ मिहिमत स्वगर मेरा, न पाया गुण से यह मेरे।….2.
ख़ुशी के आसू के साथ भजूं मैं…यह सब दान मेरे लिये।.
घृिणत पापसे करता हूँ घृणा. क्रूस पर वह हो गया हैं दूर।
लगाओ सिंहासन मेरे हृदय में…. गाउँ मैं तेरे लिये ।
Chaḍhata hu me dhanyavad prabhu…
Krus k us pram ke liye,
Mara gaya aur gaḍa gaya tha…
Ji uṭha mere liye ।
Kaṭ mainka taaj pihana tune sirapar,
hath pav ṭh mainke krusapar tere,
Hua tha bil memne ki nai,
saha sab mere liye ।…….. 2.
Duahkha saha tune ki shaanti main pau,
krusapar chaḍhiak pau mukuṭa
Maraṇ ko saha main jivan pau….
Kaisa prem mere liye ।…2.
Dekhata hu mihimat svagar mera,
n paya guṇ se yah mere।….2.
ख़ushi ke asu ke sath bhaajuan main…
yah sab dan mere liye।.
Ghṛuiṇat papase karta hu ghṛuṇa.
Krus par vah ho gaya hain dura।
Lagaao sianhasan mere hṛudaya me….
Gau main tere liye ।