जिनका भरोसा यीशु पर, वो कभी न गिरेगा ; (2)
दृढ पर्वत के समान खड़ा हो कर दुनिया में नूर करेगा
दुनियाँ की किचड़ में फँसा था मैं,
पवित्र हाथ बढ़ा कर, बाहर निकाला मुझे ; (2)
मुझ मिट्ठी के पुतले को, तोड़ कर नया बनाया ; (2)
जीवन को मेरे, बदल दिया, अचम्भा कार्य किया
चाहे हो बिमारी , चाहे हो मुसीबतें,
गमों के घनघोर बादल घेरे है मुझे ; (2)
रखूँगा उस पर अपना भरोसा तो
खुशियों के साथ सवेरा हो,(2)
तुम भी लाओ गर उस पर ईमान,
पाओगे शान्ति आराम
Jinaka bharosa yeshu par, vo kabhi na girega ; (2)
Dṛuḍh parvat ke saman khada ho kar duniya me nur karega
Duniya ki kichad me fasa tha main,
Pavitra hath bada kar, bahar nikala mujhe ; (2)
Muz miṭṭhi ke putale ko, tod kar naya banaya ; (2)
Jivan ko mere, badal diya, achambha karya kiya
Chahe ho bimari , chahe ho musibaatein,
Gamoan ke ghanaghor badal ghere hai mujhe ; (2)
Rakhuga us par apana bharosa to
Khushiyoan ke sath savera ho,(2)
Tum bhi lao gar us par imana,
Paoge shanti arama