After the mist and shadow,
After the dreary night,
After the sleepless watching,
Cometh the morning light;
Beautiful, soft and tender,
Leading the soul along,
Over the silent river,
Into the land of song.
After the thorny pathway,
After the storms we meet,
After the heart’s deep longing,
Joy and communion sweet;
After the weary conflict,
Rest in the Savior’s love,
Over the silent river,
Safe in the home above.
After the cares and trials,
After the toils and tears,
After the time of sowing,
Reaping thro’ endless years;
After the pilgrim journey,
Rapture that ne’er shall cease,
Over the silent river,
Rest in the land of peace.
धुंध और छाया के बाद
धुंध और छाया के बाद,
रात के बाद,
नींद से देखने के बाद,
सुबह की रोशनी;
सुंदर, नरम और कोमल,
आत्मा को साथ ले जाना,
मूक नदी के ऊपर,
गीत की भूमि में.
कांटेदार मार्ग के बाद,
तूफानों के बाद हम मिलते हैं,
दिल की गहरी लालसा के बाद,
खुशी और भोज मीठा;
थके हुए संघर्ष के बाद,
उद्धारकर्ता के प्यार में आराम करें,
मूक नदी के ऊपर,
ऊपर के घर में सुरक्षित.
देखभाल और परीक्षण के बाद,
शौचालय और आँसू के बाद,
बुवाई के समय के बाद,
थ्रोट के अंतहीन वर्षों को काटना;
तीर्थयात्रा यात्रा के बाद,
यह पता लगाना कि क्या नहीं होगा,
मूक नदी के ऊपर,
शांति की भूमि में आराम करो.