Ah! whither should I go,
Burdened and sick and faint?
To whom should I my trouble show,
And pour out my complaint?
My Savior bids me come;
Ah! why do I delay?
He calls the weary sinner home,
And yet from Him I stay.
What is it keeps me back,
From which I cannot part,
Which will not let the Savior take
Possession of my heart?
Searcher of hearts, in mine
Thy trying power display;
Into its darkest corners shine,
And take the veil away.
I now believe in Thee,
Compassion reigns alone;
According to my faith, to me
O let it, Lord, be done!
In me is all the bar,
Which Thou wouldst fain remove;
Remove it, and I shall declare
That God is only love.
आह! मुझे कहां जाना चाहिए,
बोझिल और बीमार और बेहोश?
मुझे अपनी परेशानी किससे दिखानी चाहिए,
और मेरी शिकायत बाहर करो?
मेरी उद्धारकर्ता बोलियाँ मुझे आती हैं;
आह! मैं देरी क्यों करता हूं?
वह थके हुए पापी को घर बुलाता है,
और फिर भी मैं उससे रहता हूं.
यह मुझे वापस क्या रखता है,
जिसमें से मैं भाग नहीं सकता,
जो उद्धारकर्ता को लेने नहीं देगा
मेरे दिल का कब्ज़ा?
दिलों का खोजकर्ता, मेरा
तेरा कोशिश शक्ति प्रदर्शन;
इसके सबसे गहरे कोनों में चमक,
और घूंघट को दूर ले जाएं.
मुझे अब थियो पर विश्वास है,
करुणा अकेले शासन करती है;
मेरे विश्वास के अनुसार, मेरे लिए
हे प्रभु, हो जाओ!
मुझ में सभी बार है,
जिसे तू हटा देगा;
इसे हटाओ, और मैं घोषणा करूंगा
वह ईश्वर केवल प्रेम है.