And will the Judge descend,
And must the dead arise
And not a single soul escape
His all discerning eyes?
And from His righteous lips
Shall this dread sentence sound
And through the numerous guilty throng
Spread black despair around:
“Depart from Me, accursed,
To everlasting flame,
For rebel angels first prepared,
Where mercy never came”?
How will my heart endure
The terrors of that day
When earth and Heav’n before His face
Astonished shrink away?
But ere that trumpet shakes
The mansions of the dead,
Hark from the Gospel’s cheering sound
What joyful tidings spread:
Ye sinners, seek His grace
Whose wrath ye cannot bear;
Fly to the shelter of His cross
And find salvation there.
और क्या जज उतरेंगे
और क्या जज नीचे उतरेंगे,
और मुर्दा पैदा होना चाहिए
और एक भी आत्मा नहीं बचती
उसकी सारी समझदार आँखें?
और उसके धर्मी होंठों से
इस भयानक वाक्य ध्वनि
और कई दोषी सिंहासन के माध्यम से
चारों ओर काली निराशा फैलाएं:
“मेरे से दूर, अर्जित,
हमेशा की लौ के लिए,
विद्रोही स्वर्गदूतों के लिए पहले तैयार,
दया कहाँ कभी नहीं आई ””?
मेरा दिल कैसे सहेगा
उस दिन के क्षेत्र
जब पृथ्वी और उसके चेहरे से पहले हीवन
चकित हट गए?
लेकिन ट्रम्पेट हिलता है
मृतकों की हवेली,
सुसमाचार की जयकार ध्वनि से हरक
क्या खुशी की ख़बरें फैल गईं:
ये पापी, उनकी कृपा चाहते हैं
जिसका क्रोध तुम सहन नहीं कर सकते;
उसके पार के आश्रय के लिए उड़ान भरें
और वहां मोक्ष पाते हैं.