Come, Lord, and tarry not;
Bring the long looked for day;
O why these years of waiting here,
These ages of decay?
Come, for Thy saints still wait;
Daily ascends their sigh;
The Spirit and the Bride say, “Come”;
Does Thou not hear the cry?
Come, for creation groans,
Impatient of Thy stay,
Worn out with these long years of ill,
These ages of delay.
Come, for love waxes cold,
Its steps are faint and slow;
Faith now is lost in unbelief,
Hope’s lamp burns dim and low.
Come in Thy glorious might,
Come with the iron rod,
Scattering Thy foes before Thy face,
Most mighty Son of God!
Come, and make all things new,
Build up this ruined earth;
Restore our faded Paradise,
Creation’s second birth.
Come, and begin Thy reign
Of everlasting peace;
Come, take the kingdom to Thyself,
Great King of Righteousness.
हे यहोवा, आ, और देर न कर;
लंबे समय से प्रतीक्षित दिन लाओ;
अरे ये बरसों का इंतज़ार क्यों यहाँ,
क्षय के ये युग?
आओ, क्योंकि तेरे भक्त अब भी बाट जोहते हैं;
रोज़ चढ़ता है उनकी आह;
आत्मा और दुल्हिन कहते हैं, “आ”;
क्या तू पुकार नहीं सुनता?
आओ, सृष्टि की कराह के लिए,
तेरे रहने के अधीर,
इन लंबे वर्षों के बीमार से थके हुए,
देरी के ये युग।
आओ, प्यार ठंडा हो जाता है,
उसके कदम मंद और धीमे हैं;
विश्वास अब अविश्वास में खो गया है,
आशा का दीया मंद और अधम जलता है।
अपनी महिमामय शक्ति में आओ,
लोहे की छड़ लेकर आओ,
अपने शत्रुओं को तेरे सामने तितर-बितर करना,
परम पराक्रमी परमेश्वर के पुत्र!
आओ, और सब कुछ नया करो,
इस उजड़ी हुई भूमि को फिर से बसा;
हमारे मुरझाए हुए स्वर्ग को पुनर्स्थापित करें,
सृष्टि का दूसरा जन्म।
आओ, और अपना राज्य आरम्भ करो
चिरस्थायी शांति का;
आओ, राज्य को अपने पास ले जाओ,
धार्मिकता के महान राजा।