ओ भूमि जाना चाहता हूँ
आत्मा का जल मैं पीना चाहता हू
तेरे हाथों से प्रभु तेरे हाथो से…..2.
अपनों से हु में मारा,
सुना लगे मुझे जग सारा
खुद से लढ़कर मैं जंग को
दोनो तरफ से हु हारा
प्यार तेरा मैं पाना चाहता हु,
ओ प्रभु…….
आखरी है यह सासे अब,
प्राण जाये ना जाने कब,
आईना दय का टुटा मेरा
बिखरे हुए है टुकड़े सब
दिल अपना तुझे देना चाहता हू,
ओ प्रभु..
O bhumi jana chahata hu
atma ka jal main pina chahata hu
Tere hathoan se prabhu tere hatho se…..2.
apno se hu me mara,
Suna lage muze jag sara
Khud se laḍhakar main janga ko
Dono taraf se hu hara
Pyar tera main pana chahata hu,
O prabhu…….
akhari hai yah sase aba,
Praṇ jaye na jane kaba,
aina daya ka ṭuṭa mera
Bikhare hue hai ṭukaḍae saba
Dil apana tuze dena chahata hu,
O prabhu..