All labor gained new dignity
since he who all creation made
toiled with his hands for daily bread
right manfully.
No work is commonplace, if all
be done as unto him alone;
life’s simplest toil to him is known
who knoweth all.
Each smallest common thing he makes
serves him with its minutest part;
man only with his wand’ring heart
his way forsakes.
His service is life’s highest joy,
it yields fair fruit a hundred fold:
be this our prayer–“Not fame, nor gold,
but–thine employ!”
सभी श्रम ने नई गरिमा प्राप्त की
सभी श्रम ने नई गरिमा प्राप्त की
जब से वह सारी सृष्टि बना
दैनिक रोटी के लिए अपने हाथों से toiled
सही ढंग से.
कोई काम आम नहीं है, अगर सब
अकेले उसके अनुसार किया जाए;
जीवन का सबसे सरल शौचालय उसके लिए जाना जाता है
जो सभी जानते हैं.
प्रत्येक छोटी सी सामान्य चीज जो वह बनाता है
उसे अपने minutest भाग के साथ कार्य करता है;
आदमी केवल अपने भटकते दिल के साथ
उसका रास्ता छोड़ देता है.
उनकी सेवा जीवन का सर्वोच्च आनंद है,
यह उचित फल देता है सौ गुना:
यह हमारी प्रार्थना हो – “न प्रसिद्धि, न सोना,
लेकिन – आपका काम!”