A Fervent Prayer Rose up to Heaven

A fervent prayer rose up to heaven,
A fragile soul was losing ground
Sorting through this earthly babble,
Heaven heard the sound.
It was a life of no distinction,
No successes, only tries.
Yet, gazing down on this unlovely one,
There was love in Heaven’s Eyes.

The orphaned child, the wayward father,
The homeless traveler in the rain
When life goes by and no one bothers,
Heaven feels the pain.
Looking down, God sees each heartache,
Knows each sorrow, hears each cry,
And looking up, we’ll see compassion’s
Fire ablaze in Heaven’s Eyes.

Refrain:
In Heaven’s Eyes, there are no losers,
In Heaven’s Eyes, no hopeless cause.
Only people like you, with feelings like me
And we’re amazed at the grace we can find
In Heaven’s Eyes.

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स्वर्ग तक एक उत्कट प्रार्थना गुलाब

स्वर्ग में एक उत्कट प्रार्थना उठी,
एक नाजुक आत्मा जमीन खो रही थी
इस सांसारिक प्रलाप के माध्यम से छाँटना,
स्वर्ग ने आवाज सुनी.
यह बिना किसी भेद के जीवन था,
कोई सफलता नहीं, केवल कोशिश करता है.
फिर भी, इस अनजाने पर टकटकी लगाकर,
स्वर्ग की आँखों में प्यार था.

अनाथ बच्चा, स्वच्छ पिता,
बारिश में बेघर यात्री
जब जीवन गुजरता है और कोई परेशान नहीं होता है,
स्वर्ग दर्द महसूस करता है.
नीचे देखते हुए, भगवान प्रत्येक दिल का दर्द देखता है,
प्रत्येक दुःख को जानता है, प्रत्येक रोना सुनता है,
और ऊपर देखते हुए, हम करुणा देखेंगे
स्वर्ग की आंखों में आग का झोंका.

बचना:
स्वर्ग की आँखों में, कोई हारे नहीं हैं,
स्वर्ग की आंखों में, कोई निराशाजनक कारण नहीं है.
केवल आप जैसे लोग, मेरी तरह भावनाओं के साथ
और हम उस अनुग्रह पर चकित हैं जिसे हम पा सकते हैं
स्वर्ग की आँखों में.

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