Blest hour, when mortal man retires
To hold communion with his God;
To send to Heaven his warm desires,
And listen to the sacred word.
Blest hour, when God Himself draws nigh,
Well pleased His people’s voice to hear;
To hush the penitential sigh,
And wipe away the mourner’s tear.
Blest hour, for, when the Lord resorts,
Foretastes of future bliss are given;
And mortals find His earthly courts
The house of God, the gate of Heaven.
Hail, peaceful hour! supremely blest
Amid the hours of worldly care;
The hour that yields the spirit rest,
That sacred hour, the hour of prayer.
And when my hours of prayer are past,
And this frail tenement decays,
Then may I spend in Heaven at last
A never-ending hour of praise.
शुभ घड़ी, जब नश्वर व्यक्ति सेवानिवृत्त होता है
अपने भगवान के साथ एकता रखने के लिए;
स्वर्ग में अपनी गर्म इच्छाओं को भेजने के लिए,
और पवित्र शब्द सुनो।
धन्य समय, जब भगवान स्वयं निकट आते हैं,
उसकी प्रजा की वाणी सुनकर प्रसन्न हुई;
तपस्या को शांत करने के लिए,
और मातम करनेवाले के आंसू पोछो।
धन्य समय, क्योंकि, जब यहोवा शरण लेता है,
भविष्य के आनंद का पूर्वाभास दिया जाता है;
और नश्वर उसके पार्थिव दरबार ढूंढते हैं
भगवान का घर, स्वर्ग का द्वार।
जय हो, शांतिपूर्ण घंटा! परम आनंद
सांसारिक देखभाल के घंटों के बीच;
वह घंटा जो आत्मा को विश्राम देता है,
वह पवित्र घड़ी, प्रार्थना की घड़ी।
और जब मेरी प्रार्थना के घंटे बीत जाते हैं,
और यह कमजोर मकान सड़ जाता है,
तो क्या मैं अंत में स्वर्ग में बिता सकता हूँ
स्तुति का कभी न खत्म होने वाला घंटा।