Blest is he who loves God’s precepts,

Blest is he who loves God’s precepts,
Who from sin restraints his feet,
He who will not stand with sinners,
He who shuns the scorners’ seat.

Blest is he who makes the statutes
Of the Lord his chief delight,
In God’s law, divinely perfect,
Meditating day and night.

He is like a tree well planted
By the flowing river’s side,
Ever green of leaf and fruitful:
Thus shall all his works abide.

Like the driven chaff the wicked
Shall be swept from off the land
With the just they shall not gather,
Nor shall in the judgment stand.

Well the Lord will guard the righteous,
For their way to Him is known;
But the way of evildoers
Shall by Him be overthrown.

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क्या ही धन्य है वह जो परमेश्वर के उपदेशों से प्रीति रखता है,
जो पाप से अपने पैरों को रोकता है,
वह जो पापियों के साथ नहीं खड़ा होगा,
वह जो ठट्ठा करने वालों के आसन को त्याग देता है।

क्या ही धन्य है वह जो विधियों को बनाता है
यहोवा की ओर से उसका मुख्य आनन्द,
परमेश्वर के नियम में, दैवीय रूप से परिपूर्ण,
दिन-रात ध्यान करते हैं।

वह अच्छी तरह से लगाए गए पेड़ की तरह है
बहती नदी के किनारे,
कभी हरी पत्तेदार और फलदायी:
इस प्रकार उसके सब काम बने रहेंगे।

चालित भूसी की तरह दुष्ट
भूमि से बह जाएगा
धर्मी के साथ वे इकट्ठा नहीं होंगे,
न ही फैसले में खड़ा होगा।

अच्छा यहोवा धर्मियों की रक्षा करेगा,
उसके लिए उनका मार्ग जाना जाता है;
लेकिन दुष्टों का मार्ग
उसके द्वारा उखाड़ फेंका जाएगा।

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