By Thy birth and by Thy tears
By Thy birth and by Thy tears,
By Thy human griefs and fears,
By Thy conflict in the hour
Of the subtle tempter’s power;
Savior, look with pitying eye;
Savior, help me, or I die.
By the tenderness that wept
O’er the grave where Lazarus slept;
By the bitter tears that flowed
Over Salem’ s lost abode,
Savior, look with pitying eye;
Savior, help me, or I die.
By Thy lonely hour of prayer,
By Thy fearful conflict there,
By Thy cross and dying cries,
By the one great sacrifice;
Savior, look with pitying eye;
Savior, help me, or I die.
By Thy triumph o’er the grave,
By Thy power the lost to save,
By Thy high, majestic throne,
By the empire all Thine own;
Savior, look with pitying eye;
Savior, help me, or I die.
तेरे जन्म से और तेरे आंसुओं से
तेरे जन्म से और तेरे आंसुओं से,
तेरे मानवीय दुखों और भयों से,
घंटे में तेरा संघर्ष द्वारा
सूक्ष्म तांत्रिक की शक्ति का;
उद्धारकर्ता, दया की दृष्टि से देखो;
उद्धारकर्ता, मेरी सहायता करो, नहीं तो मैं मर जाऊँगा।
उस कोमलता से जो रो पड़ी
वह कब्र जहाँ लाजर सोता था;
बहते कड़वे आँसुओं से
सलेम के खोये हुए ठिकाने पर,
उद्धारकर्ता, दया की दृष्टि से देखो;
उद्धारकर्ता, मेरी सहायता करो, नहीं तो मैं मर जाऊँगा।
तेरी एकाकी प्रार्थना की घड़ी से,
वहाँ तेरे भयानक संघर्ष से,
तेरे क्रूस और मरते हुए रोने से,
एक महान बलिदान से;
उद्धारकर्ता, दया की दृष्टि से देखो;
उद्धारकर्ता, मेरी सहायता करो, नहीं तो मैं मर जाऊँगा।
तेरी विजय से कब्र पर,
तेरी शक्ति से हारे हुए को बचाने के लिए,
तेरे ऊँचे, राजसी सिंहासन से,
साम्राज्य के द्वारा सब तेरा अपना;
उद्धारकर्ता, दया की दृष्टि से देखो;
उद्धारकर्ता, मेरी सहायता करो, नहीं तो मैं मर जाऊँगा।