The Breath of the Spirit
Long years we have yearned for the showers of blessing,
Have earnestly prayed for abundance of rain;
Praise God, some are singing the new song of Heaven,
The breath of the Spirit brings power again.
Power again, power again,
Our hearts have been tuned to the sweet ,
The breath of the Spirit brings power again.
The life has been fruitless, the heart dry and thirsty,
The task of the Master seemed given in vain;
But now ev’ry day is a day of rich blessing,
The breath of the Spirit brings power again.
No tithes have been brought to the storehouse of Heaven,
Our powers for service long dormant have lain;
But now ev’ry impulse is used in God’s glory,
The breath of the Spirit brings power again.
No souls have been won for the kingdom of glory,
But power for service we now may obtain;
Then gladly as reapers we enter the harvest,
The breath of the Spirit brings power again.
आत्मा की सांस
बरसों से हम दुआओं की बारिश के लिए तरसते रहे हैं,
प्रचुर मात्रा में वर्षा के लिए प्रार्थना की है;
भगवान की स्तुति करो, कुछ स्वर्ग का नया गीत गा रहे हैं,
आत्मा की सांस फिर से शक्ति लाती है।
फिर से शक्ति, फिर से शक्ति,
हमारा दिल मिठाई के लिए तैयार हो गया है,
आत्मा की सांस फिर से शक्ति लाती है।
जीवन निष्फल हो गया है, हृदय सूखा और प्यासा है,
गुरु का कार्य व्यर्थ लग रहा था;
लेकिन अब हर दिन समृद्ध आशीर्वाद का दिन है,
आत्मा की सांस फिर से शक्ति लाती है।
कोई दशमांश स्वर्ग के भण्डार में नहीं लाया गया है,
सेवा के लिए हमारी शक्तियां लंबे समय से निष्क्रिय हैं;
लेकिन अब हर आवेग भगवान की महिमा में प्रयोग किया जाता है,
आत्मा की सांस फिर से शक्ति लाती है।
महिमा के राज्य के लिए कोई आत्मा नहीं जीती गई है,
लेकिन सेवा के लिए शक्ति अब हम प्राप्त कर सकते हैं;
तब हम काटनेवाले के समान आनन्द से कटनी में प्रवेश करते हैं,
आत्मा की सांस फिर से शक्ति लाती है।