सियोन का यात्री हूँ यीशु पर आश्रित हूँ
जाता हूँ कलवारी के राह में
यात्रा कर रहा हूँ मैं मुक्ति की राह में
यात्रा है विश्वास की नहीं है दृष्टी की (२)
ठोकरे , मुश्किलें आती है इस राह में
डर नहीं यीशु मेरे साथ में (२)
मेरे योग्य है नहीं, संसार यह कभी
दुःख नही है मुझको, यीशु में खुश हूँ (२)
यीशु को कांटो का ताज , देने वाले संसार
तेरे मान सम्मान से, करुँ क्यूँ प्यार (२)
है गवाहों का समूह, मेरे चारों ओर
इसलिए मैं नहीं होऊंगा कमज़ोर (२)
मोह से , पाप से , नाता अपना तोड़कर
आगे बढता यीशु को, मैं ताक कर (२)
Siyon kā yātrī hūँ yīshu par āshrit hūँ
Jātā hūँ kalavārī ke rāh mean
Yātrā kar rahā hūँ maian mukti kī rāh mean
Yātrā hai vishvās kī nahīan hai dṛuṣhṭī kī (2)
Ṭhokare , mushkilean ātī hai is rāh mean
Ḍar nahīan yīshu mere sāth mean (2)
Mere yogya hai nahīan, sansār yah kabhī
Duahkha nahī hai muzako, yīshu mean khush hūँ (2)
Yīshu ko kāanṭo kā tāj , dene vāle sansāra
Tere mān sammān se, karuँ kyūँ pyār (2)
Hai gavāhoan kā samūha, mere chāroan ora
Isalie maian nahīan hoūangā kamaज़or (2)
Moh se , pāp se , nātā apanā toḍa़kara
Āge baḍhatā yīshu ko, maian tāk kar (2)