Charavahe apani bhede jab /चरवाहे अपनी भेड़े जब

चरवाहे अपनी भेड़े जब
रात में चारा रहे
दूत स्वर्ग से उतरा उनके पास
साथ बड़ी महिमा के |

“घबराओ मत” उसने कहा,
“आनंद का समाचार
सब लोगों को मैं आया हूँ
अब करने को प्रचार |

“तुम्हारे लिए आज के दिन
दाऊद के वंश ही से
एक मुक्तिदाता जन्म है
और पता यह ही है

“एक डालक तुम को मिलेगा
दाऊद के नगर में,
कपड़े में लिप्त हुआ है
और पड़ा चरणी में” |

जब ऐसा बोला, उसके संग
अचानक आये थे
दूत बहुतेरे, जो यह गीत
आनंद से गाते थे

“गुडानुवाद हों ईशवर का
और जग में शांति हों
प्रसन्ता मनुष्यों पर
अभी और सदा हों”

सूचीमाला पर लौटे

Charavahe apani bhede jab
Rat me chara rahe
Dut svarga se utara unake pas
Sath badi mahima ke |

ghabaraao mata” usane kaha,
ananda ka samachar
Sab log main ko main aya hu
ab karne ko prachar |

“tumhare lie aaj ke din
Daud ke vansha hi se
Ek muktidata janma hai
aur pata yah hi hai

“ek ḍalak tum ko milega
Daud ke nagar me,
Kapade me lipta hua hai
aur pada charaṇi me” |

Jab aisa bola, uske sanga
achanak aye the
Dut bahutere, jo yah geet
ananda se gate the

“guḍanuvad h main ishavar ka
aur jag me shaanti h main
Prasanta manuṣhy main par
abhi aur sada h main”

सूचीमाला पर लौटे

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