कृश के पास तू मुझे रख….येशु प्यारे त्राता,
पापी वहां जाने से….मुपत में मुक्ति पाता।
क्रुस की मैं,क्रुस की मैं….नित्य बडाई करूँगा
जब तक मैं आनंदित हूँ….पार न पहेचूंगा।
क्रूसके पास जब आया मैं, प्रेम और कृपा पाई,
वहां किरण सूर्य की…..मेरे दिलमें आई।
तेरी दया क्रूस के पास……सदा मुझे रखे,
और सदा मेरे उपर……क्रूस की छाया रहे।
क्रूसके पास मैं ठहरूँगा…नित्य भरोसा रखके,
जब तक मैं न देखूगा…हर्ष को तेरे घर के
Kṛushake pas tu muze rakha….yeshu pyare trata,
Papi vahaan jane se….mupat me mukti pata।
Krus ki main,krus ki main….nitya baḍai karuga
Jab tak main anandit huँ….par n pahechuanga।
Krusake pas jab aya main, prem aur kṛupa pai,
Vahaan kiraṇ surya ki…..mere dilame ai।
Teri daya krus ke paas……sada muze rakhe,
aur sada mere upara……krus ki chhaya rahe।
Krusake pas main ṭhaharuga…nitya bharosa rakhake,
Jab tak main n dekhuga…harṣha ko tere ghar ke