ओ कितना गहरा, प्यार येशु मसीह का,
सागर से भी विशाल, हो धन्यवाद ।
क्या तुम थके हो, बोझ से दबे हो ?,
येशु बुलाता कलवरी से……………..2.
रोगों को मिटाने, श्शांति अपनी देने ,
येशु बुलाता कलवरी से।
क्या तुम अनाथ हो, क्या मित्रहीन हो ?,
आसू बहाते, पीडा सहते हो,……….2.
येशुको अपना मानो, सच्चा मित्र जानो,
सारी दुिनया छोडे वह न छोडेगा ।
अंत समय तक वह होगा साथ-साथ,
माँ है भूल सकती, वह न भूलेगा……..2.
आज येशु पास आओ, प्रेम अनुपम पाओं,
प्यार येशु मसीह का ही बचाएगा।
O kitana gahara, pyar yeshu masih ka,
Sagar se bhi vishala, ho dhanyavad ।
Kya tum thake ho, boz se dabe ho ?,
Yeshu bulata kalavari se……………..2.
Rogoan ko miṭane, shshaanti apni dene ,
Yeshu bulata kalavari se।
Kya tum anath ho, kya mitrahin ho ?,
asu bahate, piḍa sahate ho,……….2.
Yeshuko apana mano, sachcha mitra jano,
Sari duinaya chhoḍe vah n chhoḍega ।
aanta samaya tak vah hoga satha-satha,
Ma hai bhul sakati, vah n bhulega……..2.
aj yeshu pas ao, prem anupam paoan,
Pyar yeshu masih ka hi bachaega।