अब रुखसत कर, खुदावन्द,हम सब पर बरकत तू बरसा,कर सब कुसुरों को माफ़कर दिलों को कलाम से साफ़।हम सबके सब हैं गुनहगार,पस फज़ल तेरा है दरक़ार,अब बन्दगी कुबूल कर ले,और रुखसत कर सलामत से। BACK TO INDEX Ab rukhasat kara, khudāvanda,Ham sab par barakat tū barasā,Kar sab kusuron ko māfaKar […]